पुरूषो को जन्म देनेवाली नारी कमजोर व असहाय होती जा रही है,कई बहनो को तन ढकने के कपडे मुहैया नही हो पाते है,इन अबला नारियो की नारकिय हालत तब होती है जब वह गर्भवती माता बन जाती है।यह कमजोर मॉ गर्भणी बन जाने पर कैसे सुरक्षित प्रसुति करायेगी यह विचारणीय प्रश्न है। प्रसुति होने पर अपने सीमित संसाधनो से वह अपने शरीर तक को ढक नही पाती है।इस कहानी का ज्वलंत रूप तब देखने को मिलता है जब आप प्रसुति -वार्ड में जाकर देखे तो प्रसुता के कपडे तो प्रसुति के दौरान खून से सन कर खराब हो गये है ,दूसरा वस्त्र या साडी शरीर को ढकने को नही है मॉ अर्धनग्न सरकारी कम्बल में लिपटी पडी है,पास ही नवजात शिशु दिगम्बर की तरह फटे पुराने तौलिये में लिपटा हुआ मॉ के बगल में सिमटकर पडा हुआ है,जिस पर नवजात शिशु को पहनाने को कुछ नही है।ऐसे कई दृष्य मानवता को झकझोर देते है ।इस पीडा को हम सब मिलकर सम्मिलित प्रयास से कम कर सकते है।आइये इस मुहिम मे महिलाओ से महिलाओ को सहयोग कर अबला का तन ढककर उसे सबल बनावे
प्रत्येक महिला और विशेषकर सभा्रंत परिवारो की महिलाओ के पास साडी ,ब्लाउज ,पेटीकोट बहुतायत में होते है और वह साडियो की जमाखोरी करती जाती है।बदलते फैशन के दौर में बेकार समझकर उसे समेट कर आलमारी मे जमा करती जाती है,कई साडियो को बार-बार पहनने से महिलाओ के मन भर जाते है ।आजके पालिस्टर के जमाने मे पहले की तरह साडिया कम फटती है,वैसी की वैसी रहती है मात्र उनका रंग फिका पड जाता है,जिसे हम मन व तन से उतार फैक कर अलमारी की शोभा बढाने रख देते है । कुछ बहने पुरानी साडियो के बदले फैरी वालों से प्लाटिक टब या बाल्टिया या फिर स्टील के बरतन बदले में लेकर खुश होती हैै। आईये इस छोटी सी लाभ प्रवृति को त्यागे ,इस छोटे से लालच के बदले हम इन वस्त्रों को जरूरतमंद को भेंट कर पुण्य कमाये ,निसंदेह मानवता दुहाई देगी।
आवश्यकता है इन साडियो में से बची हुई कुछ साडियो को प्रसुताओ तक पहुचाये जो इसकी मोहताज है,उनके तन को ढककर सकुन पाये ,सेवा के इस प्रकल्प में कोई खर्चा नही है,मात्र महिलाओ में सोयी हुई चेतना को जगाकर उसे सही राह दिखानी है।आप स्ंवय भी सरकारी चिकित्सालय के प्रसुति -वार्ड में जाकर जरूरतमंद को अपने हाथो से वस्त्र दे सकती है या फिर महावीर इन्टरनेशनल बॉंसवाडा की वीरा बहनो को सूचित कर उन तक पहुचा सकती है। महावीर इन्टरनेशनल की वीरा बहनो द्वारा नियमित रूप से यह प्रकल्प चलाया जा रहा है मानवता के इस पुनित यज्ञ में आप भी अपने हाथो से साडी देकर पुण्य और दुआ कमाये ।इस तरह की सकारात्मक सोच से हम कई लोगो को बिना रूपया-पैसा खर्च किये राहत दिला सकते है ।आओ हम सब मिलकर अपने पवित्र हाथो से पुण्य लाभ का शुभारंभ करे।
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