WEERA
शुक्रवार, 14 सितंबर 2012
आगे बढते रहे..........
निराशा सडक के रोडे की तरह होती है,ये अपनी रफतार थोडी कम जरूर करती है ,पर उसके बाद साफ रास्ता आपको खुषीयों से भर देता है।आप इन रोडों के डर से रूके नहीं ,आगे बढे।
भुवनेष्वरी मालोत
महादेव काॅलोनी
बाॅसवाडा
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