शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

चक्रासन मेरूदंड के विकारों में लाभकारी

                        चक्रासन मेरूदंड के विकारों में लाभकारी


पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोडिये और एडिया नितम्बों के समीप लगाकर दोनो हाथो को उल्टा करके कंधो के पीछे रखे और ष्वास अन्दर भरकर कमर और छाती को उपर उठाइये।फिर हाथ व पैरो कोे पास लाने की कोषिष करते हुए षरीर की चक्र जैसी आकृति बनानी है।फिर धीरे धीरे ष्षरीर को ढीला छोडते हुए कमर भूमि पर टिका दें । इस तरह 3से 4 बार करे। यह आसन कमर दर्द,ष्वास संबधी रोग,सिर दर्द,सर्वाइकल व स्पोंडोलाईटिस में लाभकारी है व महिलाओं के गर्भाषय व मेरूदंड के विकारों को दूर करता है ।हमारी आंतो को सक्रिय करके हमारी हाथ पैरो की माॅस पेषियो को मजबूत करता है।

   प्रेषकः-
   भुवनेष्वरी मालोत
महिला पंतजलि योग समिति 
  बाॅसवाडा; राज 

चक्रासन मेरूदंड के विकारों में लाभकारी

                               चक्रासन मेरूदंड के विकारों में लाभकारी


                       



                        




पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोडिये और एडिया नितम्बों के समीप लगाकर दोनो हाथो को उल्टा करके कंधो के पीछे रखे और ष्वास अन्दर भरकर कमर और छाती को उपर उठाइये।फिर हाथ व पैरो कोे पास लाने की कोषिष करते हुए षरीर की चक्र जैसी आकृति बनानी है।फिर धीरे धीरे ष्षरीर को ढीला छोडते हुए कमर भूमि पर टिका दें । इस तरह 3से 4 बार करे। यह आसन कमर दर्द,ष्वास संबधी रोग,सिर दर्द,सर्वाइकल व स्पोंडोलाईटिस में लाभकारी है व महिलाओं के गर्भाषय व मेरूदंड के विकारों को दूर करता है ।हमारी आंतो को सक्रिय करके हमारी हाथ पैरो की माॅस पेषियो को मजबूत करता है।

  प्रेषकः-
 भुवनेष्वरी मालोत
  जिला संयोजिका
  महिला पंतजलि योग समिति 
 बाॅसवाडा; राज