एक बार अंतरराष्ट्रीय केकड़ा सम्मेलन हुआ| उसमें कई देशों के चुनिंदा केकड़े सम्मिलित हुए। सभी देश अपने केकड़े को बास्केट में बंद करके लाएं ।इस सम्मेलन में हिंदुस्तान भी अपने खतरनाक केकड़ा के साथ सम्मिलित हुआ ,लेकिन हिंदुस्तानी का बास्केट खुला था, जिसमें केकड़े चढ़कर बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे ।एक पड़ोसी देश के प्रतिनिधि ने कहा भाई साहब आप अपनी बास्केट बंद कर दे कहीं केकड़े निकलकर काटना लेगे ।हिंदुस्तानी प्रतिनिधि ने कहा भाई साहब यह हिंदुस्तान के केकड़े हैं। जैसे ही एक ऊपर चढ़ने का प्रयास करेगा तो दूसरा उसकी टांग खींच कर नीचे गिरा देगा । आप निश्चिंत रहें ।
इससे यही शिक्षा मिलती है की समाज व जीवन में कोई व्यक्ति आगे बढ़ता है तो उसकी टांग खींच कर गिराने का प्रयास ना करें| आगे बढ़ने वालों को प्रोत्साहित ना कर सके तो कोई बात नहीं लेकिन उसे हतोत्साहित भी ना करें ।आम जीवन मे अगर कोई व्यक्ति आगे बढ़ता है तो खुशी की जगह ईर्ष्या होती है|आज भाई -भाई पड़ोसी -पड़ोसी मित्र -मित्र को आगे बढ़ते हुए नहीं देख सकता ,इसीलिए वह व्यक्ति उसकी आलोचना करता है उसके बारे में जुटी अफवाह फैलाता है इससे उसको आत्म संतुष्टि जरूर होती है लेकिन इससे आगे बढ़ने वालों को कोई फर्क नहीं पड़ता| आगे बढ़ने वाला अवश्य ही आगे बढ़ेगा।
अतः में टांग खींचने की प्रवति का त्याग करना चाहिए ।टांग खींचने वाला हमेशा नीचे ही गिरता है |||नीचे ही जाता है ऊपर कभी नहीं उठ सकता और अलग गति को प्राप्त होता है।इसलिये हमेशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े
भुवनेश्वरी मालोत
बाँसवाड़ा
|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें