वर्षा ऋतु सभी ऋतुओं में हसीन ऋतु है ।इस मौसम में चारों ओर हरियाली, नदी नालों में उफनता हुआ पानी मन को खुशी और आंनद देता है।इस ऋतु के आगमन से जहां एक तरफ गर्मी से राहत मिलती है वहाॅ वर्षा के पानी से गृहणी को कई परेशानीयों का सामना करना पडता है दैनिक उपयोग की कई वस्तुएं नमी व सीलन के कारण खराब हो जाती है अगर गृहणी कुछ सावधानीयां बरते तो इस मौसम का दुगना मजा उठा सकती है।
बरिश में अकसर चमडे की वस्तुएं पर फूंफद आ जाती उसे फूंफद से बचाने के लिए दूघ में सोडाबाइकार्बोनेट मिलाकर साफ करे और अलसी के तेल में भीगे हुए कपडे से पाॅलिश करे अगर इनका उपयोग इस समय नहीं करना हो तो उन्हें पेपर में लपेट कर अच्छी तरह पाॅलिथीन में पैक कर के रखे ।
इस मौसम में बच्चों के जूते बैग व महिलाओें केे पर्स पानी के सम्र्पक के कारण इनका चमडा फूल जाता है उसको सूखे कपडें से पौंछ कर उसमें अखबार के कागज भर दे जिससे उसकी नमी दूर हो जाएगी।
बारिश में खिडकियां व दरवाजें मुश्किल से खुलते व बंद होते है उनमें थोडासा मोम रगड दिया जाय तो वे आसानी से खुलने व बंद होने लगेगेे।लोहे के दरवाजे व खिडकियों पर थोंडा सा गी्रस लगाने से वह जंग लगने से बच सकते है।
रसोई में दैनिक उपयोग में आने वाली लोहे के चाकू,छूरी ,कैंची आदि को जंग से बचाने के लिए उस पर सरसों का तेल लगा दे।
बारिश में माचिस अकसर सील जाती है उसे फ्रिज के स्टेबलाइजर के उपर रखेे या चाय पती के डिब्बे में रखे और इस्तेमाल करे ।
बरसात में कपडों को नमी से बचाने के लिए उसके बीच में चाॅक रख़दे।
डांइग-रूम में बीछे कालीन को इस मौसम में फोल्ड करके सुरक्षित स्थान पर रख दे।ऐसा नहीं कर सकती तो अखबार की 3-4 परत इसके नीचे बिछा दे इससे कालीन पर नमी और सीलन का असर नहीं होगा।
बरिश में घर से मक्खी -मच्छर भगाने के लिए पान के पते पर सरसोें का तेल लगाकर बल्ब के नीचे रख दे।कीडें,मक्खी -मच्छर आकर्षित होकर पास आएगे और चिपकर मर जायगे ।
लाल मिर्च को बारिश की नमी से बचाने के लिए उसमें पीसा नमक डाले।
ब्रसात में काॅफी को जमने से बचाने के लिए डिब्बे में चावल के दाने डाल दीजिए वह नमी सोख लेगे और काॅफी के ग्रेन्यूल्स ठीक रहगे।
बरसात में तालों पर भी जंग लग जाता है उन्हें मिट्टी के तेल में डालकर सूखे कपडे से रगड कर पौंछ ले जिससे जंग से सुरक्षित रहगें और यदि जंग लग गया होतो तुंरत उतर जायगा ।
अकसर धर के फर्नीचर पर बारिश के पानी के धब्बों के निशान हो जाते है।जिसे सिरके से साफ करने से धब्बे साफ हो जायगे और फर्नीचर चमकने लगेगा।
छतरी पर भी अकसर जंग लग जाता है जिसे पट्ोलियम जैली लगाकर साफ कर सकते है।
बरिश में हमेशा बाॅल पेन का उपयोग करे विशेषकर पत्र लिखते समय ।लिफाफे पर पता लिखने के बाद मोम घिस ले जिससे पत्र सुरक्षित पहुंच जायगा ।
बरिश में अकसर घर के आॅगन में जहाॅ गीला रहता है ,वहाॅ फिसलन या काई जम जाती हंै उस पर रातभर सूखा चूना डाले सुबह रगड ले फिसलन व काई दोनो गायब होजायगी ।
बरिश मेें दाल,राजमा,चने आदि मे कीडे पडने का डर रहता है इससे बचने के लिए इस पर सरसों के तेल की एक परत चढा देना अच्छा होगा।
इस मौसम में कीडे-मकोडे से छुटकारा पाने के लिए फिनाइल से आॅगन व बाथरूम धोए और पानी में फिटकरी घोलकर पौंछा लगाए।
इस मौसम में विशेष घ्यान रखा जाय यदि घर में बिजली कटे तार होतो उन्हें ठीक करा ले या टेप चिपकाए ताकि कंरट से बचा जा सके।
इस मौसम में खान-पान पर विशेष घ्यान रखना चाहिय खाद्य-पदार्थो को ढककर रखना चाहिय। हरी पतेदार सब्जियों के प्रयोग से बचना चाहिए अन्यथा कई बीमारियों की संभावना रहती है।
जरी गोटे के काम वाली साडिया नमी के कारण काली पड जाती है इन्हें मौसम से पहले अच्छी धूप लगाकर सूती कपडे में बाॅधकर ऐसे सुरक्षित स्थान पर रखे जहाॅ नमी का व हवा का असर न होे।इस मौसम में स्टार्च की हुई सूती साडियो को हैंगर से हटाकर अखबार में लपेटकर पोलिथीन में पैक करके सुरक्षित स्थान पर रखे अन्यथा फूफंद लग सकती है।
इन सावधानियां को अपनाकर गृहणी नमी व सीलन से होने वाली आर्थिक,मानसिक,शारीरिक नुकसान से बच सकती है।
प्रषेकः-
श्रीमति भुवनेश्वरी मालोत
अस्पताल चैराहा
महादेव कॅंालोनी
बाॅंसवाडा राज
मेरी नानी और दादी भी ऐसे ही कई मज़ेदार बातें बताती थीं सबसे पहले आपको नमन उन्हें याद दिलाने का .और खुबसूरत उपयोगी पोस्ट का .....
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