मंगलवार, 29 अप्रैल 2014

योग से खर्राटो से छुटकारा पाये

                                           

खर्राटे...........सोते समय नाक से तेज आवाज निकलना ही खर्राटे है अर्थात नींद में साॅस मे अवरोध उत्पन्न होना ।खर्राटे आना अच्छे स्वास्थ्य का सूचक नही है खर्राटे जी हां जो आपके स्वास्थ्य के ही नही अपितु आपके आस पास सोने वालो की नींद के भी दुष्मन है खर्राटे जो रात भर आपको सोने नही देते, साथ ही पास में सोये हुए व्यक्ति की नींद में भी खलल डालते है। कही बार खर्राटे आपसी रिष्तेेो के बीच अलगाव का कारण भी बन जाते है। समय रहते इसको रोकना जरूरी है कई लोग सोचते है खर्राटे गहरी नींद के कारण आते है लेकिन ऐसा सोचना गलत है ।ष्ष्वास नली में सिकुडन भी खर्राटे का कारण है। सीधा सोने के कारण,नाक की हड्डी का टेढा होना ,वजन ज्यादा होना आदि कारण भी हो सकते है।यौगिक क्रियाओ व आसनो के द्धारा खर्राटेा से छुटकारा पाया जा सकता है ।योग के माध्यम से ष्वास नली में वसा के जमाव को रोका जासकता है।आप सीधा सोते है तो खर्राटे ज्यादा आते हैं इसके लिए आप हमेषा करवट बदल के सोये ।कपाल भांती व अनुलोम विलोम प्राणायाम 15से 20 मिनट व उज्जायी प्राणायाम 7से 11बार  नियमित करने से सौ प्रतिषत इस समस्या सेे छुटकारा पाया जा सकता है।देषी गाय के दूध से बने घी को दोनो नासिकाओं में डालने से गहरी नींद आयेगी, खर्राटे बंद होगे,साथ ही माइग्रेन की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
शीर्षासन-यह आसन दीवार के सहारे करे ,फायदा होगा।
ंिसंहासन -व्रजासन में बैठकर घुटनों  को थोडा खोलकर दोनो हाथों को जमीन पर रखते हुए हाथों की अंगुलिया पीछे की ओर करके पैरो के बीच हाथों को सीधा रखे ।लंबा गहरा ष्ष्वास भरकर जीभ को बाहर  निकालते हुए ,दोनों आॅखो से भूमध्य में देखते हुए मुॅह को यथासंभव खोल दे।इसके बाद साॅस को बाहर निकालते हुए सिंह की तरह गर्जना करनी है यह आसन 10 से 15 बार करे।यह खर्राटे में सर्वोतम आसन है।
ओ्म का उच्चारण 5से 11 बार करे ।
प्रेशर पांइट-सुखासन में बैठकर बाॅये हाथ से ज्ञान मुद्रा बनाकर दाॅये हाथ की तर्जनी अंगुली से उपर वाले होठों के बीचों बीच नाक के बिल्कुल नीचे वाले पांइट पर एक मिनट का प्रेषर दें। इसे पांच से दस बार अवष्य करे।यह रामबाण का काम करेगी।
                                       भुवनेष्वरी मालोत
                                         जिला प्रभारी
                                       पंतजलि महिला योग समिति
                                        बाॅसवाडा राज.  


रविवार, 27 अप्रैल 2014


                               


बेटी बचाओ शपथ पत्र भरवाया जाय

आज की सबसे बडी समस्या कहो या विचारणीय पहलू कहो,बेटियो की घटती संख्या, बेटिया का गडबडाता अनुपात,बेटो के लिए बहुओं की कमी है ।आज प्रत्येक को बेटो की सगाई के अवसर पर दोनो पक्षों के लोगों को एकत्रित करके कानूनी से दुल्हा दुल्हन से एक शपथ -पत्र भराया जाय कि विवाह के बाद आने वाली संतान चाहे लडका हो या लडकी उसको स्वीकार करेगे और आपातकालीन परिस्थितियो के अलावा भ्रूण परीक्षण नहीं करवायेगे।शपथ -पत्र के नियम कठोर होने चाहिये साथ ही दोनो पक्ष इसका पूर्ण रूप से पालन करेगें ।सगाई के समय वधु पक्ष को विशष रूप से वर पक्ष के लोगो से बात करनी चाहियंे क्योकि भविषय मे उनकी बेटी ही एक बेटी को जन्म दे सकती हैऔर उसे यह पीडा न सहनी पडे।
बेटी बचाओ आंदोलन के तहत सरकार द्धारा नियुक्त विशषज्ञों .द्धारा सभी बिन्दुओं पर विचार विमश कर श 
पथ-पत्र तैयार करके सभी राज्य व केन्द्र सरकारों को इसके लिए पाबद किया जाये कि विवाह से पहले इसे भरना आवष्यक है।
कन्या -भू्रण हत्या विना चिकित्सको व चिकित्सालय के संभव नहीं है इसमें इनकी बहुत बडी भूमिका होती है इसलिए सख्ती से इन पर रोक लगाई जानी चाहिये और हर रोज होने वाले भू्रण परीक्षण का रिकार्ड रखा जाना चाहिये ।इस तरह से कन्या-भ्रूण हत्या पर रोक लग सकती है।
                            भुवनेष्वरी मालोत
                                महादेव काॅलोनी
                                बाॅसवाडा राज 

गुरुवार, 27 मार्च 2014

शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

चक्रासन मेरूदंड के विकारों में लाभकारी

                        चक्रासन मेरूदंड के विकारों में लाभकारी


पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोडिये और एडिया नितम्बों के समीप लगाकर दोनो हाथो को उल्टा करके कंधो के पीछे रखे और ष्वास अन्दर भरकर कमर और छाती को उपर उठाइये।फिर हाथ व पैरो कोे पास लाने की कोषिष करते हुए षरीर की चक्र जैसी आकृति बनानी है।फिर धीरे धीरे ष्षरीर को ढीला छोडते हुए कमर भूमि पर टिका दें । इस तरह 3से 4 बार करे। यह आसन कमर दर्द,ष्वास संबधी रोग,सिर दर्द,सर्वाइकल व स्पोंडोलाईटिस में लाभकारी है व महिलाओं के गर्भाषय व मेरूदंड के विकारों को दूर करता है ।हमारी आंतो को सक्रिय करके हमारी हाथ पैरो की माॅस पेषियो को मजबूत करता है।

   प्रेषकः-
   भुवनेष्वरी मालोत
महिला पंतजलि योग समिति 
  बाॅसवाडा; राज 

चक्रासन मेरूदंड के विकारों में लाभकारी

                               चक्रासन मेरूदंड के विकारों में लाभकारी


                       



                        




पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोडिये और एडिया नितम्बों के समीप लगाकर दोनो हाथो को उल्टा करके कंधो के पीछे रखे और ष्वास अन्दर भरकर कमर और छाती को उपर उठाइये।फिर हाथ व पैरो कोे पास लाने की कोषिष करते हुए षरीर की चक्र जैसी आकृति बनानी है।फिर धीरे धीरे ष्षरीर को ढीला छोडते हुए कमर भूमि पर टिका दें । इस तरह 3से 4 बार करे। यह आसन कमर दर्द,ष्वास संबधी रोग,सिर दर्द,सर्वाइकल व स्पोंडोलाईटिस में लाभकारी है व महिलाओं के गर्भाषय व मेरूदंड के विकारों को दूर करता है ।हमारी आंतो को सक्रिय करके हमारी हाथ पैरो की माॅस पेषियो को मजबूत करता है।

  प्रेषकः-
 भुवनेष्वरी मालोत
  जिला संयोजिका
  महिला पंतजलि योग समिति 
 बाॅसवाडा; राज


         

मंगलवार, 21 जनवरी 2014

                                                                  दर्पण
एक धनी नौजवान अपने गुरू के पास यह पूछने के लिए गया कि उसे जीवन में क्या करना चाहिये । गुरू उसे
 खिडकी के पास ले गए और उससे पूछा 
’तुम्हें काॅच के परे क्या दिख रहा है़?’
सडक पर लोग आ-जा रहे है ओर बेचारा अॅधा व्यक्ति भीख माॅग रहा है।,
इसके बाद गुरू ने उसे एक बडा दर्पण दिखाया और पूछा ‘‘अब दर्पण में देखकर बताओ कि क्या देखते हो?
इसमें मैं खुद को देख रहा हंू।‘
ठीक है! दर्पण में तुम दूसरों को नहीं देख सकते ।तुम जानते हो कि खिडकी में लगा काॅच और यह दर्पण एक ही मूल पदार्थ से बने हैं।‘
तुम स्ंवय की तुलना काॅच के इन दोनों रूपों से करके देखो।जब ये साधरण है तो तुम्हें सब दिखते है और उन्हें देखकर तुम्हारे भीतर करूणा जागती है और जब इस काॅच पर चाॅदी का लेप हो जाता है तो तुम केवल स्ंवय को देखने लगते हो।‘
तुम्हारा जीवन भी तभी महत्वपूर्ण बनेगा जब तुम अपने आॅखो पर लगी चाॅदी की परत को उतार दो ।ऐसा करने के बाद ही तुम अपने लोगांे को देख पाओगे और उनसे प्रेम कर सकोगे।