आज मैं जीवन में जो पाना चाहती थी बैठे-बैठे उसकी लिस्ट बनाई इसमें अच्छा घर, स्वास्थ्य, सौंदर्य, समृद्धि, शक्ति, सुपथ, संबल, ऐश्वर्य, अच्छा पति, संस्कार वान बच्चे आदि कई चीजें थी। लेकिन फिर भी कही कुछ कमी रह गई हो ऐसा लगता।यह लिस्ट लेकर मैं अपने गुरु के पास गई मैंने पूछा क्या जीवन की सारी उपलब्धियां इस लिस्ट में है ।गुरु ने धीरे से मुस्कुरा कहा बेटी वाकई अच्छी लिस्ट है लेकिन लिस्ट में एक चीज लिखना भूल गई हो जिसके बिना बाकी सब चीजें व्यर्थ हो जाती है जिसका अनुभव उम्र के इस पड़ाव पर ही कर सकोगे। मैं असमंजस्य में आ गई मैंने सोचा मैंने तो सारी चीजें जो एक नारी चाहती है लिस्ट में लिखिए तो फिर क्या छूट गया है गुरु ने लिस्ट को मुझ से लेकर सबसे अंत में 3 शब्द लिखें वह थे मन की शांति वास्तव में संसार की सभी चीजें इसके बिना व्यर्थ है ।जो अंतिम समय तक नहीं मिल पाती है।
भुवनेश्वरी मालोत
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