सोमवार, 13 जुलाई 2020

शंख उद्घोष भी प्राणायाम है|

शंख में हमें प्रकृति से मिला एक अनमोल उपहार है यह समुंद्र से प्राप्त होता है  शंख की आकृति व पृथ्वी के  संरचना समान है इसका महत्व प्राचीन काल से धार्मिक कार्यों में पूजा में ज्योतिष में स्वास्थ्य संबंधी  परेशानियों को दूर करने में  वास्तु में होता है इससे सुंदर सुंदर उपयोगी व कलात्मक  चीजें बनाई जाती है |नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार शंख बजाने से खगोलीयऊर्जा का उत्सर्जन होता है जो जीवाणुओं  कानाशकर लोगों में ऊर्जा व शक्ति का संचार करता है शंख  प्रमुखतया  तीन प्रकार के होते हैं वामा वृत्तिदक्षिणावर्ती व् मध्यवर्ती|

धार्मिक कार्यों को करने से पहले शंख ध्वनि उत्पन्न करना हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण विशेषता है कहा जाता है कि इससे वातावरण की अशुद्धियां दूर होती है नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है वातावरण में चेतन्यता आती है और पूजा सार्थक होती है रज तत्व तम तत्व खत्म कर सत तत्व का  प्रवाह होता है विष्णु  पुराण के अनुसार शंख लक्ष्मी का सहोदर होता है समुंद्र मंथन पर 14  रत्ना प्राप्त हुए थे |आठवें स्थान पर शंखमिला था कहा जाता है कि जिस घर में शंख होता है वहा महालक्ष्मी का वास होता है सुबह शाम  शंख की ध्वनि करने से  वास्तु दोष दूर होता है घर में नकारात्मकता दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का  प्रवाह  होता है| तानसेन ने शंख बजाकर गायन की शक्ति प्राप्त की थीआधुनिक युग में जीवन की आपाधापी व भागदौड़ वाली जिंदगी में मनुष्य कई बीमारियों से ग्रसित हो गया है स्वस्थ होने के लिए उसे डॉक्टरों दवाइयों की शरण में आना पड़ता है यदि व्यक्ति स्वयं स्वस्थय रहना चाहता है तो शंखनाद, शंख ध्वनि करना, शंख बजाना ऐसी क्रियाएं जिससे अनेक प्रकार की  बीमारियों बचा जा सकता है| वैज्ञानिकों के अनुसार शंखनाद मैं प्रदूषण को दूर करने की अद्भुत क्षमता हैशंख की आवाज जहां तक जाती है वहां तक कई रोगों के किठाणु या तो खत्म हो जाते हैं या निष्क्रिय हो जाते हैं| शंख बजाना भी एक प्राणायाम है क्योंकि से बजाने से योग की कई क्रियाएं एक साथ हो जाती है कुंभक रेचक ध्यान  उज्जाई प्राणायाम| फेफड़ों को पूरी तरह से श्वास से भरकर व बिना सांस लिए गर्दन को उपर करके के शंख  बजाना चाहिए|   नेत्र बंद, ध्यानावस्था व ईश्वर भक्ति में निमग्न होकर शंख
बजाने से हमारी सुषुम्ना नाड़ी जागृत होती है हमें ईश्वर शक्ति का अप्रत्यक्ष साक्षात्कार होता है शरीर में शाश्वत ऊर्जा का संचार होता है|


शंख बजाने से कई चमत्कारिक स्वास्थ्य लाभ होते हैं अनेक रोगों से निवृत्ति होती  है|

1. फेफड़ों का  अच्छा व्यायाम है उसे बजाने से हमारे फेफड़े पुष्ट होते हैं अस्थमा दमा और एलर्ज छुटकारा मिलता है | श्वास संबंधी बीमारियों से बच सकते हे

2. शंख ध्वनि हमारे दिमाग व स्नायु तंत्र को सक्रिय करते हैं|

3. मनोरोगी के लिए  शंख बजाना एक चमत्कारिक उपाय है क्योंकि इससे उत्तेजना कम होती है और मन और मस्तिष्क एकदम सहज व  शांत हो जाता है 

4. ह्दय रोगों में लाभकारी हे इससे ह्दय की  मांसपेशियां मजबूत होती है|

5. ब्लड प्रेशर का रामबाण इलाज  है|

6. शंखनाद  से स्मरण शक्ति बढ़ती है|

7. Vocal code सही होती है और thyroid से  छुटकारा मिलता है|

8. बच्चों का तुतलानाना शंख बजाने से दूर हो जाता है |इससे बच्चों को अनेको फायदे   हैं
 
शंख  बजाने से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़तीप्राकृतिक  आभा स्वत दिखाइए देती है|


सावधानियां :-          

गर्भवती  व् स्तनपान कराने वाली माताओं को शंख नहीं बजाना चाहिए शंख बजाने से  नाभि पर प्रेशर  आने से गर्भ गिरने की संभावना रहती है| इससे दूध की मात्रा पर प्रभाव पड़ता हेआइए शंख वादन को दिनचर्या में शामिल कर जीवन को स्वस्थ व स्फुर्तिवान बनाएं
  

भुवनेश्वरी   मालोत

 बांसवाडा(राज.)

 

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