सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

प्रथम पुण्य तिथि पर हार्दिक श्रृद्धाजंलि









एक साल पहले चली गयी माॅ

लेकिन याद बहुत आती है माॅ

आज भी आर्षीवाद देते हुए ,

हाथों का अहसास दिलाती है माॅ

एक साल पहले चली गयी माॅ,

पर अब तक लगता है,यही कही आसपास है माॅ,

जब मुसीबतों के बादल मडरायें मुझपर,

तेरा आॅचल पार कर आ न सके वो मेरे पास माॅ

एक साल पहले चली गयी माॅ

लेकिन आता नहीं याद कि,

मैं कितनी रोई,किसकी गोद सोई,

आज भी मेरी कोषिष जिसे मुष्किल समझ के छोड देती है,

उसे सुलझाने वहाॅ तक दौंड आती हो आप माॅ

आपकी लाडली बेटी

भुवनेष्वरीै

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