एक साल पहले चली गयी माॅ
लेकिन याद बहुत आती है माॅ
आज भी आर्षीवाद देते हुए ,
हाथों का अहसास दिलाती है माॅ
एक साल पहले चली गयी माॅ,
पर अब तक लगता है,यही कही आसपास है माॅ,
जब मुसीबतों के बादल मडरायें मुझपर,
तेरा आॅचल पार कर आ न सके वो मेरे पास माॅ
एक साल पहले चली गयी माॅ
लेकिन आता नहीं याद कि,
मैं कितनी रोई,किसकी गोद सोई,
आज भी मेरी कोषिष जिसे मुष्किल समझ के छोड देती है,
उसे सुलझाने वहाॅ तक दौंड आती हो आप माॅ
आपकी लाडली बेटी
भुवनेष्वरीै
उसे सुलझाने वहाॅ तक दौंड आती हो आप माॅ------maa ko naman bahut bhawuk rachna
जवाब देंहटाएंaabhar.
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