मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

मिठाई खरीदने और उपयोग करने संबधी टिप्स या सोचिए- मिठाई खरीदने से पहले

                                                                         


             दीपावली रोशनी, उल्लास व खुशियों का त्यौहार है। बिना मिठाईयों, स्वादिष्ट व मनभावन पकवानों के दीपावली अधूरी है, कई गृहणीयां दीपावली पर घर में मिठाईयां बना लेती है,फिर भी अधिकाश घरों में समय के अभाव व विभिन्नता के चक्कर में व उपहार में देने के लिए मिठाईयां बाजार से खरीदनी ही पडती है।बाजार से मिठाई खरीदने से पहले कुछ सावधानियाॅ बरती जाए,तो स्वास्थ्य व पैसो के नुकसान से बचा जा सकता है।
          इस त्योहार पर हलवाई कई दिनों पहले मिठाईयाॅ बनाना शुरू कर देते है, अधिकांश मिठाईयां दूध से बने मावे,छैने तथा पनीर से बनाई जाती है, जिसे हलवाई कई दिनो पहले तैयार करके रखते है, इससे बनी मिठाईयां स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है, कई बार इसका सेवन करने से जी मिचलाना, पेट मेे दर्द,दस्त-उल्टी आदि बीमारियाॅ त्योहार के मजे को किरकिरा कर देती है, अतः मिठाईयां खरीदने व उपयोग करने से पहले निम्न बातो पर गौर करना जरूरी है।


ऽ दूध से बनी मिठाईयां आवश्कतानुसार ही लाये, क्योंकि ये दो दिन में खराब हो जाती है।





ऽ ध्यान रहे मिठाई  के वजन के साथ गते के डिब्बे का वजन  शामिल न हो।

ऽ चॅादी के वरक से सजी मिठाई का उपयोग स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित नहीं ,क्योंकि चांदी के स्थान पर शीशे आदि की मिलावट आम बात है।


ऽ बंगाली मिठाईयों जैसे चमचम, रसगुल्ला,राजभोग आदि पुरानी होने पर अपना स्वाभाविक स्वाद खो देती है,इसलिए ऐसे अवसर पर न खरीदे।

ऽ मिठाई को खरीदने के बाद गते के डिब्बे से निकालकर अन्य पात्र में रखे ,ताकि ज्यादा दिन तक सुरक्षित रह सके ।

ऽ उपहार में मिठाई देते समय दूध से बनी मिठाई न खरीदे। जरूरी हो तो खरीदते समय विशेष सावधानी बरते

ऽ टेस्ट करके ही हलवाई से मिठाई खरीदे और लम्बे समय के लिए उपयोग करनी हो तो, उसे फ्रीज में रख दे।

ऽ रंगीन मिठाईयों के रंग स्वास्थ्य के लिऐ हानिकारक है, जहां तक संभव हो बिना रंग की मिठाईयां ही खरीदे ।

ऽ जहा तक संभव हो अपने हाथों से बनी मिठाईयों व  पकवान से इस त्योहार को मनाईये। 

  थोडी सी सावधानी के साथ इस त्योहार का मजा लिया जा सकता है।






लेखकः-
 श्रीमति भुवनेश्वरी मालोत
  अस्पतालचैराहा,                                        
महादेव का.लोनी,    
बांसवाडा राज.
  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें