कोख को क्रब मत बनाओ
आज गर्भ में पल रही बेटियों की पहचान करके उस कोख को ही उजाड दिया जा रहा है और डाॅंक्टर दौलत का जुगाड बिठा रहे है और इस पाप में हम सभी ष्षामिल हो रहे है।आज संसार के संचार का आधार बेटिया ही है।इनका जन्म दुर्गा सरस्वती के रूप में हुआ है ।जिन्होने पिछले जन्म में नेक कार्य किये हो वही इस जन्म में बेटियो का उपहार पाते है आज बेटिया हर रिष्ते की डोर है घर और बाहर दोनो जगह अपना राॅल अच्छी तरह निभा रही है जब कभी घर,परिवार और देष पर संकट के बादल छाते है तो बेटिया माॅ दुर्गा का रूप धारण कर उसका डट कर मुकाबला करती है फिर क्यों रोज-रोज बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता है यह हम सब के लिए विचारणीय पहलू है।आप बेटियों को कोख में ही मार कर एक हिंसक अपराधी की श्रेणी में अपना नाम दर्ज न करे ।
बेटी है तो कल है,
बेटी है तो जीवन में मुस्कान है,
बेटी है तो आषाओं का संसार है।
भुवनेष्वरी मालोत
बाॅसवाडा राज